खाद्य पदार्थों की कीमत में उछाल के कारण महंगाई दर 8 महीने के सबसे उच्चतम स्तर पर, मुद्रास्फीति के आंकड़ों में होगी बढ़ोतरी

नवंबर माह में थोक महंगाई दर (WPI) अपने आठ महीनों के उच्चतम स्तर 0.26 प्रतिशत तक पहुंच गई हैं। WPI मुद्रास्फीति की दर इस साल अप्रैल से नकारात्मक थी। अक्टूबर में थोक महंगाई की दर -0.52 प्रतिशत थी। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने इस पर कहा, कि ‘नवंबर 2023 में मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, खनिजों, मशीनरी और उपकरण, कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑप्टिकल उत्पादों, मोटर वाहनों, अन्य परिवहन उपकरणों और अन्य विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है।’

खाने-पीने की सामग्री की महंगाई की बात करें तो नवंबर में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 8.18 प्रतिशत हो गई, जो अक्टूबर में 2.53 प्रतिशत थी। वहीं प्याज की महंगाई दर बढ़कर 101.24 फीसदी हो गई, जो पिछले महीने में 62.60 फीसदी थी।

खाद्य पदार्थो की बढ़ी कीमत
नवंबर महीने में सब्जियों की महंगाई दर 10.44 फीसदी रही, जबकि अक्टूबर में यह -21.04 फीसदी थी। वहीं धान और फलों में मुद्रास्फीति क्रमशः 10.44 प्रतिशत और 8.37 प्रतिशत थी। नवंबर में आलू की महंगाई दर (-)27.22 फीसदी कम रही। नवंबर महीने के दौरान, विनिर्मित उत्पादों में मुद्रास्फीति -0.64 प्रतिशत, ईंधन और बिजली क्षेत्र की महंगाई -4.61 प्रतिशत और गैर-खाद्य वस्तुओं में -3.20 प्रतिशत रही।

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नवंबर और दिसंबर में बढ़ेगी महंगाई
आरबीआई ने पिछले सप्ताह मौद्रिक नीति का एलान करते हुए बताया था कि नवंबर और दिसंबर महीने में खाद्य पदार्थों की कीमतों पर दबाव के कारण मुद्रास्फीति के आंकड़ों में बढ़ोतरी होगी। केंद्रीय बैंक ने इस बार भी रेपो रेट स्थिर रखी हैं। बता दें कि आरबीआई ने पिछले पांच बार से ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है।

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