मोहम्मद शमी ने वर्ल्ड कप के बाद बताया की हर मैच से पहले दर्द से निपटने के लिए लगवाए इंजेक्शन

अगर कोई सच्चे मन से कुछ पाने की ठान ले तो फिर चाहे कितनी भी मुश्किलों का सामना करना पड़ जाएगा, एक दिन सफलता खुद आपके हाथ लग जाती है। जीवन में आगे बढ़ता वहीं है, जो हार नहीं मानता है। ऐसा ही कुछ भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के साथ वर्ल्डकप में देखने को मिला। मोहम्मद शमी ने विश्व कप 2023 में शानदार गेंदबाजी करते हुए हर किसी को अपनी गेंदबाजी से दीवाना बना लिया। इस विश्व कप में 24 विकेट लेने वाले शमी का जीवन भी उतार-चढ़ाव से भरा रहा, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी किस्मत को पलट दिया। हाल ही में 33 साल के शमी ने इंटरव्यू के दौरान एक ऐसा बयान दिया है, जिसने हर किसी को चौंका दिया। शमी ने कहा कि साल 2015 विश्व कप के दौरान वह हर मैच से पहले इंजेक्शन लगवाकर खेलते थे। अपनी जान से ज्यादा उन्होंने देश के लिए सोचा और इलाज के साथ ही हर मैच में अपना 100 प्रतिशत दिया।

दरअसल मोहम्मद शमी ने PUMA इंडिया के साथ खास इंटरव्यू के दौरान बड़ा खुलासा किया। शमी ने कहा कि साल 2015 विश्व कपसे ठीक पहले उनके घुटने में सूजन आ गई थी। डॉक्टर्स ने उन्हें सर्जरी कराने को कहा था, लेकिन उन्होंने सर्जरी नहीं कराई और खेलना जारी रखा।

शमी ने कहा की “मैंने दर्द झेला और खेला। मेरी जगह कोई और खिलाड़ी होता तो वह नहीं खेलता। मेरे पास दो ऑप्शन थे पर मैंने रेस्ट नहीं लिया और देश को चुना। मुझे डॉक्टर्स ने कहा था कि तुम खेलना भूल जाओ, लेकिन हर मैच से पहले मैं इंजेक्शन लगवाता था और अगले दिल मैच खेलता था। जब आप देश के लिए खेलते हैं तो आप सब कुछ भूल जाते हैं।”

इसके साथ ही जब मोहम्मद शमी से पूछा गया कि भारत की तरफ से विश्व कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए है, ऐसे में आप कैसा महसूस कर रहे है। तो उन्होंने कहा कि मैं कोशिश करता हूं कि विकेट लेना है। मैं टारगेट लेकर नहीं चलता हूं कि मुझे इतने विकेट लेने हैं और मेरा रिकॉर्ड बन जाएगा।

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“लोगों का क्या होता है मैच से पहले ग्राउंड में जाते है और पिच पर नाखून मारकर देखते हैं। मैं ऐसा प्रेशर नहीं लेता हूं, क्योंकि जब आपको बॉल लेने के बाद पता चलना है कि विकेट में कितना स्किंग है और कितना बाउंस है क्या है, तो ऐसे पिच को दबाके नहीं पता चलने वाला। आप जितना सिंपल रह सकते हो, उतना ही आप अच्छा परफॉर्म कर सकते हो। बेहतर है आप सुबह उठे, फ्रेश होए और चाय पिये, गाना सुने। गांव के आदमी है यार, नई चीजों में नहीं चला। जहां से आए हैं, उसी बैकग्राउंड में रहना है।”

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