Breast Cancer: ब्रेस्ट कैंसर के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए विशेषज्ञों ने चलाया एक अभियान

ब्रेस्ट कैंसर के बारे में लोगो में जागरूकता फैलाने की कोशिश की जाती है। ब्रेस्ट कैंसर एक जानलेवा बीमारी है, जिसका शुरुआती स्टेज पर पता लगने से जान बचने की संभावना बढ़ जाती है। इस बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल के कुछ डॉक्टरों नें एक कैम्पेन चलाया।   इस कैम्पेन के दौरान डॉक्टरों ने गलियों में घूम-घूम कर नारे लगाए और ब्रेस्ट कैंसर के अलग-अलग पोस्टर्स के जरिए इस बारे में लोगों को जानकारी देने की कोशिश की।

 

ब्रेस्ट कैंसर जैसा की नाम से समझा जा सकता है, ब्रेस्ट में कैंसर सेल्स बढ़ने शुरू होते हैं और वे ट्युमर का रूप ले लेते हैं। समय पर इलाज न होने पर यह ब्रेस्ट से शरीर के दूसरे अंगों में भी फैल सकता है। यह महिलाओं में दूसरा सबसे अधिक होने वाला कैंसर है। ब्रेस्ट कैंसर का समय पर पता न लगना, जानलेवा हो सकता है। इसलिए ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण और रिस्क फैक्टर का पता होना बहुत आवश्यक है। लेकिन अभी भी ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के बारे में लोगों में जागरूकता की बहुत कमी है।

 

डॉक्टरों ने ब्रेस्ट कैंसर का शुरुआती स्टेज में कैसे पता लगाएं और इसके महत्व के बारे में बताने के लिए नुक्कड़ नाटक का सहारा लिया। यह कैम्पेन इतने बेहतरीन तरीके से संयोजित किया गया था कि महिलाएं अपने घरों से निकलकर इस कैम्पेन में शामिल होने के लिए आगे बढ़कर आईं। ब्रेस्ट कैंसर को शुरुआती स्टेज पर ही रोका जा सके, इसके लिए घर पर किस तरह से सेल्फ एक्जामिन किया जा सकता है यह भी सिखाया गया।

कैसे करें ब्रेस्ट्स की जांच?

शीशे के सामने अपने कपड़े और ब्रा उतार कर खड़े हो जाएं और अपने स्तनों के साइज में या आकार कोई बदलाव तो नहीं आया पता करने की कोशिश करें।

अपने हाथों को उठाएं और फिर से अपने स्तनों को चेक करें। अपने ब्रेस्ट के साइज में और शेप में बदलाव पता करने की कोशिश करें।

अपने दाएं हाथ की तीन उंगलियों से अपने बाएं स्तन को दबाकर चेक करें। कोई लंप या गांठ जैसे आकार का पता लगाने की कोशिश करें।

अपने ब्रेस्ट को हर तरफ से दबा कर देखें और कोई लंप है या नहीं यह पता करें। पहले आपनी उंगलियों के पैड से हल्के से दबाकर चेक करें। धीरे-धीरे दबाव बढ़ाते हुए दबाना शुरू करें और अपने स्तनों की जांच करें।

स्तनों के बाद अपने बगल के आस-पास भी चेक करें कि वहां तो कोई लंप नहीं है। स्तनों के बाद अपने निप्पल्स को भी दबाकर देखें कि कोई फ्लूइड तो नहीं निकल रहा।

इसके बाद अपने बाएं हाथ से दाएं स्तन को चेक करें।

इस जांच को करने में बहुत समय नहीं लगता और आप इसे दिन के किसी भी समय कर सकते हैं। यदि किसी लंप या गांठ जैसा कुछ महसूस हो, तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिलकर जांच कराएं।

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क्या हैं ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण?

स्तनों या बगल में गांठ होना

ब्रेस्ट के आकार में बदलाव

निप्पल से फ्लूइड का निकलना

स्तनों की त्वचा में बदलाव

निप्पल के रंग का गाढ़ा होना

स्तनों या उसके आस-पास दर्द

 

इन लक्षणों की मदद से आप ब्रेस्ट कैंसर का शुरुआत में ही पता लगा सकते हैं। इससे इसके इलाज में मदद मिल सकती है और यह बीमारी और भयानक रूप ले, उससे पहले इसे रोकने में भी काफी मदद मिल सकती है।

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