Delhi AQI : दिवाली के बाद दिल्ली में मुश्किल हुआ सांस लेना, बिछ गई प्रदूषण की लम्बी चादर

तीन दिन की राहत के बाद दिवाली की रात को दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण फिर से चरम पर पहुंच गया।  वर्षा के बाद वायु प्रदूषण के स्तर में थोड़ा सुधार हुआ था, लेकिन दिवाली के बाद हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में आ गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में सोमवार को सुबह वायु गुणवत्ता का स्तर 300 पर आ गया है। आनंद विहार में एक्यूआई 296, आरके पुरम में 290, पंजाबी बाग में 280 और आईटीओ में 263 रहा। मौसम विभाग के अनुसार, आगामी कुछ दिनों में दिल्ली-एनसीआर के मौसम में फिर से बदलाव होने की पूरी संभावना है।

 

 

14 नवंबर को हवा और होगी खराब

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, उत्तर पश्चिम की तरफ से हवा चलने के कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है। आज दिल्ली में हवा की गुणवत्ता और अधिक ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच सकती है। आज रात तक वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 अंक से अधिक जा सकता है। 14 नवंबर को हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में रहने की संभावना है।

 

दिल्ली की हवा खतरनाक

सीपीसीबी की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 220 रहा, जो ‘खराब’ श्रेणी में है। एक दिन पहले शुक्रवार को सूचकांक 279 था, जिसके मुकाबले एक्यूआइ में कमी दर्ज की गई। दिल्ली में इस माह अब तक 11 दिनों में तीन दिन हवा की गुणवत्ता बेहद खराब, तीन से नौ नवंबर के बीच छह दिन एक्यूआइ 400 से अधिक रहकर ‘गंभीर’ व ‘खतरनाक’ और दो दिन ‘खराब’ श्रेणी में रहा था।

 

दिल्ली का एक्यूआइ दमघोंटू

पीछे मुड़कर देखें तो पिछले वर्षों की तुलना में इस बार राजधानी में जनवरी से लेकर सितंबर महीने तक प्रदूषण का स्तर कम रहा था। लेकिन, पहले तो वर्षा नहीं होने के चलते अक्टूबर में प्रदूषण सामान्य से ज्यादा रहा। फिर हवा की रफ्तार कम हो जाने और उत्तरी पश्चिमी दिशा से आने वाली हवा की वजह से दिल्ली का एक्यूआइ दमघोंटू हो गया। खासतौर पर पिछले तीन दिन तो दिल्ली वालों के लिए सबसे ज्यादा खराब बीते हैं। इन तीनों दिनों में एक्यूआइ 400 के ऊपर रहा है।

 

बढ़ रही हैं पराली जलाने की घटनाएं

पर्यावरणविदों का कहना है कि जिस तरह पराली जलाने की घटनाएं बढ़ रही हैं, हवा की गति मंद है, पश्चिमी विक्षोभों के अभाव में बरसात होने की संभावना भी नहीं है और वाहनों का धुआं व धूल वातावरण में तेजी से प्रदूषण फैला रही है, अगले सप्ताह तक प्रदूषण कम होने की कोई संभावना नहीं है।

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इस वजह से बढ़ता है प्रदूषण

सफर (सिस्टम आफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च) के संस्थापक निदेशक डा गुरफान बेग बताते हैं, अबकी बार दीवाली नवंबर के मध्य में पड़ रही है। इस दौरान ठंडक होगी और पराली जलाने का सीजन भी अपने चरम पर होगा। दूसरे, पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद इन पर पूर्णतया रोक कभी नहीं लग पाती। ऐसे में दीवाली के आसपास प्रदूषण कहीं अधिक हो

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