दिवाली के इस त्योहार की तैयारी कई दिनों पहले से ही तैयारी शुरू कर देते हैं। मिठाइयां खाना, दीये जलाना, पटाखें फोड़ना दिवाली का यह सब अहम हिस्सा हैं। लेकिन रोशनी का यह त्योहार आपके लिए परेशानी का कारण भी बन सकता है जब आप दीये या पटाखे जलाते समय किसी दुर्घटना के शिकार हो जाये। इसलिए जरूरी है कि आप इस त्योहार पर अपनी फर्स्ट एड किट को तैयार रखें। फर्स्ट एड का मतलब होता है, किसी भी दुर्घटना के बाद दिया जाने वाला पहला इलाज। आइए जानते हैं दिवाली पर जलने पर कैसे करें फर्स्ट एड।
आग को फैलने से रोकें
अगर कोई व्यक्ति आग की चपेट में आ गया है, तो सबसे पहले आग बुझाने की कोशिश करें। इसके लिए आप आग पर पानी डाल सकते हैं या कंबल की मदद से आग बुझाने की कोशिश करें। उस व्यक्ति को आग वाली जगह से दूर करें। इससे और अधिक जलने से वह व्यक्ति बच पाएगा।
कपड़ों को हटाएं
व्यक्ति के जले हुए पार्ट्स से कपड़े, गहने, बेल्ट आदि को हटाएं। ये जली हुई त्वचा पर चिपक सकते हैं। इसलिए इन्हें आराम से हटाएं लेकिन यह जल्दी करें, ऐसा नहीं करने पर वह जगह सूज सकती है और बाद में इन्हें हटाने में और तकलीफ होगी। हालांकि, अगर कपड़ा जली हुई जगह पर चिपक गया है, तो उसे खुद से हटाने की कोशिश न करें।
चलते पानी से धोएं
जली हुई जगह को कम से कम 20 मिनट तक चलते हुए पानी से धोएं। इसके लिए आप जले हुए पार्ट को नल के नीचे पानी चलाकर धोएं। जली हुई जगह को धोने के लिए कभी भी बर्फ वाले पानी का या बर्फ का इस्तेमाल न करें। न ही उस जगह पर ठंडक के लिए बर्फ लगाएं।
जले हुए हाथ या पैर को उठा कर रखें
जले हुए पार्ट को नॉर्मल लेवल से थोड़ा ऊपर उठाकर रखें। ऐसा करने से उस पार्ट में सूजन कम होगी। कोशिश करें उन्हें मोड़ें नहीं बल्कि सीधा रखें।
Read more: Stress Management Tips: स्ट्रेस और एंग्जायटी कर सकती है आपको अंदर से कमजोर, ऐसे करें इसे मैनेज
छालों को फोड़ें नहीं
जलने की वजह से अगर छाले हो गए हैं, तो उन्हें गलती से भी न फोड़ें। ऐसा करने से इन्फेक्शन होने का खतरा रहता है। इसलिए छालों को बैंडेज या कपड़े से ढक कर रखें। हालांकि जले हुए पार्ट को ढकते समय इस बात का ध्यान रखें कि ज्यादा टाइट बैंडेज न बांधें।
डॉक्टर से मिलें
अगर ज्यादा नहीं जला है, तो आप घर पर ही जली हुई जगह पर दवाई लगा कर उसे ढक सकते हैं लेकिन यदि व्यक्ति ज्यादा जल गया है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें ताकी सही इलाज किया जा सके और आगे समस्या ज्यादा न बढ़े।