विज्ञान से लेकर ज्योतिष शास्त्र में रुद्राक्ष पहनने के कई फायदे बताए गए हैं। 1 से लेकर 14 मुखी रुद्राक्ष होते हैं जिन्हें धारण करने का अपना-अपना महत्व है।सनातन धर्म में रुद्राक्ष को बहुत ही पवित्र माना गया है।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न हुआ है। यही कारण है कि हिंदू धर्म में रुद्राक्ष पहनने को इतना महत्व दिया जाता है। माना जाता है कि रुद्राक्ष धारण करने वाले पर शिव जी की कृपा सदैव बनी रहती है।
इसलिए कई लोग इसकी माला भी धारण करते हैं। रुद्राक्ष पहनने पर व्यक्ति को कई लाभ मिलते हैं, लेकिन इसे धारण करने के कुछ नियम भी बताए गए हैं।बता दे की रुद्राक्ष को धारण करने के लिए कुछ बहुत ही शुभ दिन माने गए हैं।ऐसे में आप अमावस्या, पूर्णिमा, श्रावण सोमवार और शिवरात्रि के दिन रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं, लेकिन रुद्राक्ष धारण करने से पहले उसे दूध और सरसों के तेल से अच्छी तरह साफ कर लेना चाहिए।
लेकिन क्या आप जानते है की कुछ ऐसे स्थान भी बताए गए हैं जहां पर रुद्राक्ष धारण करके कभी भी नहीं जाना चाहिए वरना व्यक्ति को इसके नकारात्मक परिणाम झेलने पड़ते हैं।आइये जानते है रुद्राक्ष धारण करने के लिए किन बातो का ध्यान रखना आवश्यक होता है।
रात को सोते समय-रात को सोने से पहले भी रुद्राक्ष को निकाल देना चाहिए, क्योंकि माना जाता है कि सोते समय हमारा शरीर शुद्ध नहीं होता और रुद्राक्ष धारण करने के लिए शुद्धता की आवश्यकता होती है।
रुद्राक्ष को बहुत ही पवित्र माना जाता है। ऐसे में से कभी भी मांस-मदिरा वाले स्थान पर रुद्राक्ष धारण करके नहीं जाना चाहिए और न ही इसे पहनकर कभी शराब का सेवन करना चाहिए। ऐसा करने पर आपको विपरीत परिणाम झड़ने पड़ सकते हैं।
घर में यदि किसी बच्चे का जन्म होता है तो उस समय पर भी रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए, क्योंकि बच्चे के जन्म के दौरान 1 महीने तक के समय को सूतर या सौवर कहा जाता है। इस दौरान पूजा-पाठ जैसे कार्य भी नहीं किए जाते।
रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को कभी भी शमशान घाट या किसी मृत्यु वाली जगह पर नहीं जाना चाहिए। यदि ऐसे स्थान पर जाना भी पड़े तो इससे पहले धारण किए हुए रुद्राक्ष को निकाल देना चाहिए।