RuPay Credit Card का इस्तेमाल करने से क्या हैं इसके फायदे और नुकसान

इस बात में कोई शक नहीं कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने डिजिटल पेमेंट को हर व्यक्ति के लिए बेहद आसान बना दिया है। यूपीआई से आप रियल टाइम में एक दूसरे के खाते में तुरंत पैसे भेज सकते है। भारत में, यूपीआई से सितंबर 2023 में सात अरब से अधिक ट्रांजैक्शन हुआ था। इसी को देखते हुए देश में Credit Card  से भी यूपीआई की सुविधा को शुरू किया गया है हालांकि यह सुविधा अभी सिर्फ रुपे क्रेडिट कार्ड वाले ग्राहकों के लिए है। अगर आपके पास रुपे क्रेडिट कार्ड है तो आप किसी भी यूपीआई सपोर्टिंग ऐप में अपने क्रेडिट कार्ड को लिंक कर सीधा क्रेडिट कार्ड से यूपीआई पेमेंट कर सकते हैं।

हर सिक्के के दो पहलू की तरह ही क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से लिंक करने के अपने कुछ फायदे और नुकसान है जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए।

क्या है यूपीआई से लिंक करने के फायदे
यूजर्स को मिलती है बढ़ी हुई सुविधा:
यूपीआई के साथ क्रेडिट कार्ड को लिंक करने से छोटे लेनदेन के लिए क्रेडिट कार्ड का उपयोग करने की सुविधा बढ़ जाती है।

अगर क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से लिंक कर देते हैं तो यह यूपीआई स्वीकार करने वाले किसी भी लेनदेन के लिए लागू हो जाता है।

मिलते हैं रिवार्ड्स:
यूपीआई के साथ क्रेडिट कार्ड को जोड़ने से यूजर्स सभी लेनदेन पर रिवार्ड पा सकते हैं, भले ही वो कितने भी अमाउंट का पेमेंट करें। इन रिवार्ड में आपको कैशबैक, प्वाइंट और वाउचर्स मिलते हैं।

क्रेडिट लिमिट:
क्रेडिट कार्ड आम तौर पर डेबिट कार्ड की तुलना में अधिक क्रेडिट लिमिट के साथ आते हैं। इससे यूजर को अधिक महत्वपूर्ण खरीदारी कर सकते हैं।

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क्या है यूपीआई से लिंक करने के नुकसान?
अधिक खर्च करने की प्रवृत्ति:
क्रेडिट कार्ड को यूपीआई के साथ जोड़ने से अधिक खर्च करने का जोखिम बढ़ सकता है। चूंकि यूपीआई का इस्तेमाल करना आसान है इसलिए यूजर्स कई बार अपनी लिमिट से अधिक खर्च कर देते हैं। एक क्लिक में पैसे भेजेने की आदत से यूजर्स इंपलसिव पर्चेज करते हैं।

कर्ज के जाल में फंस सकते हैं:
कई क्रेडिट कार्ड में कैशबैक या ट्रैवल पॉइंट जैसे आकर्षक रिवार्ड स्कीम होते हैं, जो यूपीआई लेनदेन के लिए क्रेडिट कार्ड का उपयोग करने के लालच देते हैं।

इस तरह एक यूजर अपने सीमा से अधिक खर्च कर देता है और बिल का भुगतान नहीं करने पर कर्ज के जाल में फंस जाता है क्योंकि अगर समय पर बिल का भुगतान नहीं किया जाता तो यूजर को अधिक ब्याज के साथ बिल चुकाना पड़ता है।

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